Shivangi Agarwal, Satyajit Salve, Vedant Agrawal, and Khushi Bangla छात्रों ने 22 जनवरी को सार्वजनिक अवकाश घोषित करने के महाराष्ट्र सरकार के फैसले को यह कहते हुए चुनौती दी कि यह धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांतों से समझौता है। छात्र धार्मिक आयोजनों से जुड़ी सार्वजनिक छुट्टियों के ख़िलाफ़ तर्क देते हुए कहते हैं, “छुट्टियों का निर्णय सत्ता में मौजूद राजनीतिक दल की इच्छा पर आधारित नहीं होना चाहिए