Budget Day 2024: मोदी सरकार ने वर्षों पुरानी परंपरा को तोड़ते हुए पहली बार 1 फरवरी को Budget पेश किया था. इसके बाद से ही हर साल एक फरवरी को ही बजट पेश होता है
साल 2017 में पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली (Arun Jaitley) ने ऐलान किया था कि केंद्रीय बजट (Union Budget) अब फरवरी के अंतिम कार्य दिवस पर पेश नहीं किया जाएगा. बजट एक ऐसा सरकारी दस्तावेज होता है, जिसके तहत सरकार आगामी वित्तीय वर्ष के दौरान अनुमानित व्यय और राजस्व पेश करती है. इसके बाद इसे संसद की ओर से मंजूरी मिलती है. इस परंपरा की शुरुआत 1860 के दशक में ईस्ट इंडिया कंप अधिकारियों द्वारा किया गया था
क्यों 1 फरवरी को पेश किया जाता है बजट?
क्यों 1 फरवरी को पेश किया जाता है बजट? पूर्व वित्त मंत्री जेटली (Arun Jaitley) ने कहा था कि ब्रिटिश शासन के तहत औपनिवेशिक युग के दौरान अपनाई जाने वाली 92 साल पुरानी प्रथा को समाप्त करने के लिए बजट महीने के आखिरी दिन के बजाय 1 फरवरी को पेश किया जाएगा. उन्होंने कहा कि बजट फरवरी के अंत में पेश किया जाता था. ऐसे में सरकार के पास एक अप्रैल से प्रभावी नई नीतियों की तैयारी के लिए बहुत कम समय था, जिस कारण इसे बदलकर 1 फरवरी कर दी गई.
रेलवे के लिए अलग बजट की प्रथ
इस बदलाव के साथ ही तत्कालीन वित्त मंत्री ने रेलवे के लिए अलग बजट (Railway Budget) पेश करने की परंपरा को भी खत्म कर दिया था. रेलवे बजट को केंद्रीय बजट (Union Budget) के साथ मर्ज कर दिया गया. बता दें कि इस बार निर्मला सीतारमण अपना लगातार छठवां बजट पेश करेंगी
शाम 5 बजे पेश किया जाता था बजट
1999 तक केंद्रीय बजट फरवरी के अंतिम टिन शाम 5 बजे पेश किया जाता था. यह समय के समय से तय हुआ था. बजट ब्रिटेन में सुबह 11 बजे बजट पेश किया जाता था, जो भारत में शाम पांच बजे था. 1999 में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने इसे हटाकर सुबह 11 बजे कर दिया. तर्क यह था कि बजट पर गहन चर्चा के लिए पर्याप्त समय मिलता है