दीवाली से एक दिन पहले मनाई जाती है। इसे "नरक चतुर्दशी" भी कहते हैं।
इस दिन भगवान कृष्ण ने नरकासुर का वध किया था। यह जीत बुराई पर अच्छाई की थी।
लोग इस दिन अपने घरों को दीयों और रंगोली से सजाते हैं। यह शुभ और सौभाग्य लाने का प्रतीक है।
रात में दीये जलाए जाते हैं। माना जाता है कि इससे नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।
इस दिन माता लक्ष्मी की पूजा भी की जाती है ताकि समृद्धि और सुख का आशीर्वाद मिले।
छोटी दिवाली पर घरों में मिठाई और खास पकवान बनाए जाते हैं। ये त्यौहार का आनंद बढ़ाते हैं।
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छोटी दिवाली का असली आनंद परिवार संग मनाने में है। साथ मिलकर पूजा करना, दीये जलाना, और खुशियाँ बाँटना।
छोटी दिवाली हमें यह संदेश देती है कि अंधकार कितना भी गहरा हो, दीये की एक छोटी लौ उसे दूर कर सकती है।
छोटी दिवाली पर बच्चे और बड़े सभी पटाखों का आनंद लेते हैं। यह खुशी का एक खास तरीका है।
दिवाली की शुभकामनाएँ! हर घर रोशनी से भरपूर हो।
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